Helping The others Realize The Advantages Of हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे



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• चेहरे पर निखार लाने त्वचा के मुंहासे दूर करने हल्दी का उपयोग किया जाता है हल्दी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुहांसों के उपचार में सहायता करता है ।

हल्दी में रोपण एवं शोथहर गुण होने के कारण यह हर प्रकार के घाव को भरने एवं उसकी सूजन आदि को भी ठीक करने में सहयोगी होती है। 

अगर आपको छोटी मोटी चोट लग गई है तो उस जगह पर तुरंत हल्दी लगा ले। इससे चोट पर बहने वाला खून रुक जाता है और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है। हल्दी में घाव को जल्दी भरने के गुण होते है। यह चोट की जलन और दर्द को भी कम करने में मददगार है।

इसके अलावा वे लोग जो नियमित रूप से तैराकी करते हैं या सार्वजनिक परिवहन में सफ़र करते हैं उनके लिए इसका सेवन करना आवश्यक हो जाता है क्योंकि इससे वे संक्रमण से बच सकते हैं।

हल्दी के फायदे त्वचा के लिए । termeric Rewards for pores and skin –

हल्दी गॉलब्लैडर और अन्य डाइजेस्टिव एंजाइमों में पित्त के उत्पादन को बढ़ाकर आपके पाचन को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। हल्दी सूजन के लक्षणों को कम करने और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद करती है। साथ ही साथ यह वजन घटाने में भी मददगार होती है।

• बाल झड़ने की क्रिया को भी यह कम करता है। हल्दी का पानी पीने से हल्दी, नींबू , शहद मिश्रित पानी, पीने से बाल मजबूत और घने हो जाते ।

सबसे पहले तो ये बात जान लीजिए कि हल्दी की मात्रा को संतुलित रखें। पूरे दिन भर में आधा चम्मच से ज्यादा हल्दी का सेवन न करें। दाल व सब्जी में एक चौथाई चम्मच या उससे थोड़ी कम हल्दी डाल सकते हैं। और वहीं अन्य चीजों में चुटकी भर हल्दी भी काफी है।

इसके अलावा हल्दी एक मूत्रवधक होती है जिसकी वजह से शरीर में मौजूद अनचाहे पदार्थ मूत्र में बाहर निकल जाते हैं।

सर्दी के मौसम खांसी-जुकाम जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए आमतौर पर कच्ची हल्दी का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। कच्ची हल्दी औषधीय गुणों का खजाना है। हल्दी पाउडर की तुलना में कच्ची हल्दी स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। आयुर्वेद में, कच्ची हल्दी को सूजन को कम करने, जुकाम से राहत, पाचन तंत्र में सुधार, इम्यूनिटी बढ़ाने, रक्त को शुद्ध करने और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने Source में प्रभावी बताया गया है। कच्ची हल्दी का उपयोग काढ़ा बनाकर या फिर इसका हलुआ बनाकर उपयोग में ला सकते हैं।

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हल्दी का डीटोक्सीफयिंग गुण बायल का उत्पादन करता है और इन रसायनों को लीवर को नुक्सान पहुंचाने से रोकता है।

इसके एंटीवायरल गुणों के कारण, हल्दी दूध कई प्रकार की बिमारियों के खिलाफ लड़ने में उपयोगी होता है। ये जुखाम, खांसी, आदि बिमारियों में फायदेमंद होता है।

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